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योग के विभिन्न प्रकार

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योग जितना पुराना है, उतना ही समृद्ध भी। एक योग के अनेक रूप हैं, मसलन हठ योग, अष्टांग योग आदि। आइए जानें, योग के इन अलग-अलग रूपों के बारे में :

हठ योग

'हठ' शब्द का इस्तेमाल जबर्दस्ती के लिए होता है, लेकिन जब 'हठ' के साथ 'योग' जुड़ जाए, तो वह आध्यात्मिक हो जाता है। 'हठ' शब्द दो अक्षरों से मिलकर बना है। 'ह' हकार यानी दायां नासिका स्वर, जिसे पिंगला नाड़ी भी कहते हैं। 'ठ' ठकार यानी बायां नासिका स्वर, जिसे इड़ा नाड़ी कहते हैं। इन दोनों स्वरों के योग से 'हठयोग' बनता है, जिससे मध्य स्वर या सुषुम्ना नाड़ी में प्राण का आवागमन होता है और कुंडलिनी शक्ति व चक्र जागृत होते हैं।

यह मन को संसार की ओर जाने से रोककर अंतर्मुखी करने की एक प्राचीन भारतीय साधना पद्धति है। हठयोग साधना की मुख्य धारा शैव रही है। मत्स्येन्द्रनाथ और गोरखनाथ उसके प्रमुख आचार्य माने गए हैं। गोरखनाथ के अनुयायी हठयोग की साधना करते थे। उन्हें नाथ योगी भी कहा जाता है। बौद्धों ने भी हठयोग को अपनाया। घेरण्ड संहिता में हठयोग की साधना के सात अंगों का जिक्र मिलता है। ये हैं : षट्कर्म, आसन, मुद्रा, प्रत्याहार, प्राणायाम, ध्यान और समाधि।

अष्टांग योग या राजयोग

महर्षि पतंजलि के योग को ही अष्टांग योग या राजयोग कहा जाता है। इसके आठ अंग होते हैं। भगवान बुद्ध का आष्टांगिक मार्ग भी योग के इन्हीं आठ अंगों का हिस्सा है। आमतौर हम जिस योग का अभ्यास करते हैं या चर्चा करते हैं, वह यही है। योग की सबसे प्रचलित धारा है यह। इसे आठ अंग इस तरह हैं : यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि। इन आठ अंगों के अपने-अपने उप अंग भी हैं। मोटे तौर पर इनमें से तीन अंगों पर ही ज्यादा जोर दिया जाता है। ये हैं : आसन, प्राणायाम और ध्यान।

अनुसार योग

यह हठ योग का ही एक रूप है, जिसे अमेरिकी योग टीचर जॉन फ्रेंड ने 1997 में शुरू किया था। पश्चिम देशों की स्वास्थ्य आधारित अप्रोच और अध्यात्म के तमाम तत्वों को एक साथ मिलाकर इसे विकसित किया गया। द अनुसार स्कूल ऑफ हठ योगा दुनिया भर में अनुसार योग के टीचर्स के लिए मानक तैयार करने का काम करता है। फ्रेंड ने अनुसार इंक की स्थापना की। बाद में विवादों में फंसने के बाद 2012 में उन्होंने इसे छोड़ दिया।

हॉट योग

यह प्राचीन योग का ही एक रूप है। देसी योग का यह मॉडर्न रूप भारत में भी प्रचलित है। कई सिलेब्रिटीज इसे कर रहे हैं। हॉट योगा ग्लैमर से भरा, लेकिन मुश्किल है। बिक्रम योगा को इसी कैटिगरी में रखा जाता है। 90 मिनट के बिक्रम योगा के सत्र में शामिल हैं 26 जटिल आसन और दो प्राणायाम।

यह सब एक ऐसी जगह होता है, जहां का तापमान 40 डिग्री सेंटिग्रेड या उससे ऊपर सेट किया जाता है और आर्द्रता होती है 50 प्रतिशत के आसपास। आसनों को करते वक्त रहने वाले हॉट टेम्प्रेचर के कारण ही इसे हॉट योगा कहा जाने लगा होगा। फॉरेस्ट योगा, पावर योगा को इसी कैटिगरी में रखा जाता है।

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