जरा सोचिए, आप पूरे दिन की थकान के बाद जब घर लौटेंगे तो घर में आपका प्यारा डॉगी आपसे खेलने के लिए तैयार होगा। उसे देखते ही आपकी थकान गायब हो जाएगी। उसका मासूम-सा चेहरा सारे गम भुला देगा। आपकी बिल्ली जब सोफे पर आपके पास चुपचाप बैठ जाएगी तो वह फीलिंग ही अलग होगी। अक्वेरियम में तैरती मछलियों को आप घंटों देख सकते हैं।
पेट्स लाने से पहले की तैयारी
पालतू कुत्ते और बिल्लियां
- आपको पालतू जानवर घर लाने से पहले मेंटली तैयार होना पड़ता है। आप घर में एक नया मेंबर लाना चाहते हैं। यह ठीक वैसा ही है, जैसे घर में कोई नया बच्चा आने वाला है। आपको उसे वक्त और अटेंशन देने के लिए तैयार रहना पड़ेगा।
- पालतू जानवरों की बेसिक जरूरतों में स्पेस और टाइम दोनों शामिल है। उनके साथ आपको वक्त बिताना होगा ताकि वे नए माहौल में परेशान न हों। वैसे तो वे आपके पूरे घर में रहेंगे, लेकिन उन्हें पर्सनल स्पेस की भी जरूरत होगी।
- बड़े साइज का पेट चुनने से पहले अपने घर का साइज देख लें और उनके रहने की जगह भी तय कर लें। कई बार देखने में आता है कि लोग शौक में बड़े साइज का डॉगी जैसे लैब्राडोर, डॉलमेशन या ग्रेट डेन पाल तो लेते हैं, लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास होने लगता है कि घर पालतू जानवर के लिहाज से पूरा नहीं पड़ रहा।
- इस बात को समझना पड़ेगा कि अगर आपके पेट को घर में रहने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिलेगी तो वह भी उदास रहने लगेगा।
- पालतू जानवर के लिए घर के कुछ हिस्से को फिक्स कर सकते हैं। मिसाल के तौर पर सीढ़ियों के नीचे या टेरेस पर जगह तय की जा सकती है।
- मौसम के हिसाब से इस जगह को सजाया-संवारा जा सकता है। गर्मियों में उनके बैठने के लिए हल्का कुशन रखें और सर्दियों में रजाई या ब्लैंकेट रखा जा सकता है।
मछलियां
- मछलियों को लिविंग रूम में रखना बेहतर रहता है। इन्हें लगातार देखने से सुकून का अहसास होता है।
- मछलियां लाने से पहले यह जरूर पता कर लें कि किस किस्म की मछली किस किस्म की मछली के साथ रह सकती है। ऐसा न करने पर मछलियां एक-दूसरे को मार सकती हैं।
- अक्वेरियम कम से कम 2 फुट लंबा, डेढ़ फुट चौड़ा और डेढ़ फुट ऊंचा होना चाहिए। यह तकरीबन 1500 रुपये में मिल जाएगा।
किस पेट की कितनी लाइफ
कुत्ता- 6 से 15 साल
बिल्ली- 10 से 15 साल
खरगोश- 8 से 12 साल
चूहा- 2 से 4 साल
मछली- 2 से 4 साल
कहां से लाएं पेट्स
पालतू कुत्ता
- अगर आप किसी विदेशी ब्रीड के जानवर पालने के बारे में सोच रहे हैं तो यह भी ख्याल रखें कि आपके शहर का मौसम उसके लिए फिट है या नहीं।
- किसी भी हाल में 6-8 हफ्ते से छोटा कुत्ता न खरीदें और न ही अडॉप्ट करें। इससे कम उम्र के कुत्ते को मां के दूध की काफी जरूरत होती है और अगर वह न मिले तो वह बीमार हो सकता है।
- ऐनिमल राइट ऐक्टिविस्ट भारत में लोगों को स्ट्रीट डॉग अडॉप्ट करने की सलाह देते हैं।
- कई एनजीओ सोशल मीडिया और वेबसाइटों पर लगातार स्ट्रीट डॉग अडॉप्ट करने की ड्राइव चलाते हैं। इसके लिए बाकायदा कैंप भी लगाए जाते हैं। उन पर नजर रखें। इनका वैक्सिनेशन करने के बाद अडॉप्शन के लिए देते हैं। इसलिए ये सेफ हैं।
- आप www.dogspot.in पर जाकर अपनी मन मुताबिक लोकेशन और नस्ल का कुत्ता अडॉप्ट कर सकते हैं। इसके अलावा नई दिल्ली एरिया के लिए Dogs for free to a good home (New Delhi India) नाम के फेसबुक पेज से पालतू कुत्ते अडॉप्ट करने की प्रक्रिया शुरू किया जा सकता है।
- दिल्ली में डॉग लवर्स संजय गांधी ऐनिमल केयर सेंटर पर 011-25448062 और 011-25447751 या 09582836861 पर पालतू कुत्तों की देखभाल के बारे में जानकारी मिलेगी।
- अगर आप विदेशी ब्रीड का ही कुत्ता पालना चाहते हैं तो उसके रहन-सहन के बारे में सही से जानकारी लें।
बिल्ली
- कुत्ते की तरह बिल्ली के बच्चे को भी 6-8 हफ्ते से पहले अडॉप्ट नहीं करना चाहिए।
- पालतू जानवर लेते वक्त उनकी उम्र कम हो तो उन्हें आपके घर के हिसाब से रहने में ज्यादा परेशानी नहीं होती।
- बिल्लियां अक्सर अडॉप्शन सेंटर में ही मिलती हैं लेकिन www.pawsindia.org पर भी आप लोकेशन के हिसाब से बिल्ली ले कर सकते हैं।
- विदेशी बिल्लियों की कीमत 5000 रुपये से 50,000 रुपये तक हो सकती है।
मछलियां
- रंग-बिरंगी और खूबसूरत मछलियां आपको अक्वेरियम शॉप से खरीदनी होगी।
- इन मछलियों की कीमत 500 रुपये प्रति मछली से लेकर 10,000 रुपये तक हो सकती है।
- मछलियां किसी विश्वसनीय दुकान से ही खरीदें, वरना बीमार या इन्फेक्शन वाली मछली मिलने का खतरा रहता है।
पालतू जानवर लेने के बाद
पालतू कुत्ता
- पालतू कुत्ते को उसके रहने की जगह पर ही खिलाएं जिससे उसे पता चल जाए कि यह उसका घर है।
- खाना वक्त पर ही दें। बार-बार खाना देने से उसकी आदत खराब हो सकती है। दिन में 3-4 बार काफी है।
- उसे सुबह और शाम पॉटी और पेशाब के लिए घर के बाहर ले जाएं तो अच्छा रहेगा। यह आदत छोटे रहते ही डलवाएं।
- आजकल एक नई प्रॉब्लम देखने को मिल रही है। कुत्तों में मोटापा देखने को मिल रहा है।
- इंसानों की तरह पेट्स के लिए भी मोटापा कई बीमारियों की वजह बन सकता है। एक्सरसाइज से न सिर्फ आपके पेट्स फिट रहेंगे बल्कि ऐक्टिव भी रहेंगे।
- डॉगी को सुबह और शाम बाहर घुमाने के अलावा वर्कआउट भी जरूर कराएं।
- वर्कआउट के तौर पर डॉगी के साथ जॉगिंग कर सकते हैं। इसके अलावा उसके साथ फ्रिस्बी या बॉल को फेंक कर उठाने जैसे गेम्स भी खेल सकते हैं।
- कुछ ऐसे गेम प्लान करें जिनमें उछलने और कूदने जैसी मेहनत हो।
बिल्ली
- बिल्ली को उसकी फिक्स जगह पर रहने की आदत डलवाएं।
- उसे हमेशा गोद ही में न बिठाए रखें। उसकी फिक्स जगह पर उसे रखने से वह काफी कोजी महसूस करेगी।
- बिल्लियां अक्सर कपड़ों और कंबलों में घुस कर बैठ जाती हैं इसलिए कपड़ों की अलमारी बंद रखें।
मछलियां
- अक्वेरियम में लगातार ऑक्सिजन की सप्लाई बनी रहे इसके लिए एक खास तरह का पंप भी अक्वेरियम में फिट करवाएं, जो पावर ऑपरेटेड होता है। इसे भी अच्छी तरह से चेक कर लें। इसकी कीमत तकरीबन 500 रुपये होती है।
- इसी तरह से पानी को फिल्टर करने के लिए पंप की जरूरत होती है। यह भी 500 रुपये के आसपास का होता है।
- अक्वेरियम का पानी बार-बार न बदलें। इसके बजाय हर हफ्ते फिल्टर जरूर साफ करें। मछलियों के लिए पुराना पानी बेहतर होता है। दरअसल नया पानी अपने साथ इंफेक्शन लेकर आता है।
- फिल्टर पंप को वक्त-वक्त पर चेक करते रहें। पंप स्लो होने से मछलियां मर जाती हैं।
- फिश की कंडिशन की ताकीद फिश शॉप से कर लें वरना बाकी मछलियां भी बीमार हो जाएंगी।
डायट का कंफ्यूजन
कुत्ते और बिल्लियां
- जब आप घर पर पेट्स ले आएंगे तो आपको समझना होगा कि उनका खाने का सिस्टम कैसा है।
- आपको एक बात अच्छी तरह से समझनी होगी कि कुत्ते और बिल्लियों की खाने की जरूरतें इंसानों से अलग हैं।
- अपने छोटे साइज की वजह से वे इंसानों से ज्यादा एनर्जी ऐक्टिविटी में खर्च करते हैं। हम एक कदम में जितनी दूरी तय करते हैं, एक छोटे कुत्ते को इतनी दूरी तय करने में चार कदम लगेंगे।
- बेहतर होगा कि शुरुआती 9 महीनों में कुत्ते या बिल्ली को उनके लिए बनाया गया पेट केयर शॉप पर मिलने वाला डेडिकेटेड खाना दिया जाए। इससे उनका न्यूट्रिशन लेवल सही बना रहेगा।
- दूध पीने को लेकर एक्सपर्ट्स की राय बंटी हुई है। कुछ का कहना है कि दूध देना चाहिए और कुछ का कहना है कि दूध नहीं देना चाहिए। बीच का रास्ता अपनाते हुए इस नतीजे पर पहुंचा जा सकता है कि डॉगी या कैट को पूरी तरह दूध पर निर्भर नहीं रखना चाहिए।
- डेयरी प्रॉडक्ट्स जैसे पनीर और दही देने में कोई बुराई नहीं है।
- शक्कर, तेल, नमक और मसालेदार खाना कुत्तों और बिल्लियों को काफी नुकसान पहुंचाता हैा।
मछली
- मछली को खिलाने के लिए खास दाने की जरूरत होती है। इसे मार्केट से खरीदा जा सकता है।
- आमतौर पर लोग खाने का कुछ भी अक्वेरियम में डाल देते हैं। इससे अक्वेरियम में गंदगी के साथ इंफेक्शन फैलने का खतरा रहता है।
सफाई
- ख्याल रखें कि उनके नाखून और बाल बहुत ज्यादा न बढ़ें। कुत्तों के नाखून बढ़ने पर वह चलते वक्त आवाज करते हैं। बढ़े नाखून इन्फेक्शन को बुलावा देते है।
- उनके कान और नाक साफ रखें। इसके लिए कॉटन बड्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- सर्दियों में हफ्ते में 2 दिन नहलाना ठीक रहेगा।
- कई लोग कुत्ते या बिल्ली को नहलाते वक्त पानी में डिटरजेंट या डेटॉल आदि डाल लेते हैं। ऐसा बिल्कुल न करें। इससे उन्हें स्किन प्रॉब्लम हो सकती है।
- अगर आपके कुत्ते के ब्रीड को गर्मी ज्यादा लगती है, तो उसी ठंडी जगह पर रखें।
- बरसात में सफाई का खास ख्याल रखें क्योंकि इस मौसम में कीड़े और इन्फेक्शन काफी तेजी से फैलते हैं।
काट लेने पर
- वैक्सिनेशन होने पर काटने के बाद पेट्स में इन्फेक्शन का खतरा ना के बराबर होता है।
- छोटी-मोटी खरोंच लगने से परेशान न हों। पानी से धो कर ऐंटिसेप्टिक क्रीम लगाएं।
- जख्म बड़ा और गहरा हो तो उसे फौरन धो लें और डॉक्टर के पास जाएं।
- कोई भी पालतू जानवर जब काटता है तो अक्सर लोग उसे सजा देने के तौर पर पीटते या कहीं बंद कर देते हैं। यह सही नहीं है। वे भी किसी आवेश में ऐसा कर जाते हैं। वे खुद पर खतरा महसूस होने पर ऐसा करते हैं या जब उन्हें अपनी कोई पसंदीदा चीज खुद से दूर जाती लगती है।
फेस्टिवल सीजन
- हमारे देश में त्योहार लगातार चलते रहते हैं। इनमें होली और दिवाली पर पेट्स को काफी मुश्किल हो सकती है।
- पटाखे और कलर से पेट्स जितना दूर रहेंगे, उतना ही अच्छा होगा। हालांकि यह परहेज आपको सिर्फ एक दिन नहीं रखना होता है। जब फेस्टिवल या किसी दूसरी वजह से घर या आसपास का माहौल बदलने लगे तो पेट्स को भी इसके लिए जरूर तैयार करें। उन्हें किसी ऐसी जगह रखें कि उन तक कलर या पटाखों की आवाज न पहुंचे। उन्हें अकेला न छोड़ें। उन्हें थपकी और पुचकार से इस बात का विश्वास दिलाएं कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है और आप उनके आसपास ही हैं।
स्टरलाइजेशन
पालतू जानवरों की नसबंदी के लिए वेटनरी डॉक्टर ही सलाह दे सकते हैं। अगर आपके पास फीमेल डॉगी है तो आपको सोचना होगा कि घर में आप और कितने डॉगी रख सकते हैं। ऐसे कई केस आते हैं जब लोग पेट्स फैमिली बढ़ाना नहीं चाहते हैं, लेकिन फीमेल डॉगी कई पपीज को जन्म दे देती है। उसके बाद उन्हें संभालना मुश्किल हो जाता है। आप हर वक्त अपने पेट्स पर नजर नहीं रख सकते। ऐसे में कई बार फीमेल डॉगी बाहर जाकर मेटिंग कर सकती है। ऐसे हालात से बचने के लिए स्टरलाइजेशन बेस्ट ऑप्शन है। स्टरलाइजेशन के बाद डॉगी कुछ कम अग्रेसिव हो सकते हैं।
वैक्सिनेशन
वैक्सिनेशन के नाम और डीटेल्स
(D) डिस्टेंपर: हवा से होने वाली वायरल बीमारी जिसका असर लंग्स, आंत और दिमाग पर होता है।
(H) हैपिटाइटिस: लिवर में होने वाली वायरल बीमारी
(P) पैरेनफ्लुएंजा: सांस लेने की नली और गले में सूजन
(P) पार्वोवायरस: आंत में होने वाली वायरल बीमारी
(R) रैबीज: एक ऐसी बीमारी जो इंसानों और दूसरे जानवरों के लिए भी खतरनाक हो सकती है।
Bordetella: सांस लेने में बैक्टीरिया से होने वाला इंफेक्शन का टीका
ये सभी टीके हर तीन साल में लगवाने चाहिए। इन्हें लगवाने का शेड्यूल नीचे दिया गया है :
6-8 हफ्ते: DHPP
10-12 हफ्ते: DHPP
14-16 हफ्ते: DHPP
DHPP (हर तीन साल में फॉलोअप)
Bordetella (ऑप्शनल)
रेबीज (साल में एक बार)
पेट्स अक्सेसरीज
कुत्ते के लिए
रेन कोट और रेन शूज
कीमत- 100-200 रु
बिल्ली के लिए
स्क्रैच पोस्ट या पैड (इससे खुद को रगड़ने पर इन्हें काफी मजा आता है)
कीमत- 500 - 2000 रु
मछली
अक्वेरियम को सजाने के लिए मार्केट में कई तरह के मॉडल मिलते हैं, जिन्हें अलग-अलग थीम्स में सजाया जा सकता है। इसके अलावा ऑक्सिजन स्टोन भी मिलता है, जो लगातार बुलबुले छोड़ता रहता है।
कीमत- 100-200 रु
पहला स्टॉप वेटनरी डॉक्टर
- कोई भी पालतू जानवर अडॉप्ट करने या घर लाने के बाद उसे सबसे पहले डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
- कुत्ते या बिल्ली जैसे पालतू जानवरों की केयर उनकी उम्र के हिसाब से करनी पड़ती है।
- बाहर से पालतू जानवर लाने पर उनकी सही उम्र का पता नहीं लग पाता। ऐसे में सही जानकारी डॉक्टर ही दे सकता है और उम्र के हिसाब से केयर भी बता सकता है।
- पालतू जानवरों को इन्फेक्शन या बीमारी से बचाने के लिए वैक्सिनेशन सबसे जरूरी है।
- किसी भी सूरत में वैक्सिनेशन मिस न करें। इसके बिना पालतू जानवरों के साथ-साथ आपको भी प्रॉब्लम हो सकती है।
बीमारी को पहचानें
कुत्ते और बिल्लियां
- इन्हें अमूमन खुजली या पेट खराब होने की परेशानी हो जाती है।
- अगर ये 24 घंटे से ज्यादा सुस्त दिखें और कुछ भी न खाएं तो इन्हें डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
- अगर वे उल्टी करें तो जल्दी डॉक्टर के पास ले जाएं वरना पानी की कमी से उनकी तबीयत बिगड़ सकती है।
- अगर कुत्ता उल्टी कर रहा है और उसके पेट पर सफेद रंग के दाने दिख रहे हैं तो फौरन डॉक्टर के पास ले जाएं।
- खुजली और कीड़ों की समस्या भी इन्हें परेशान कर देती है।
- खुजली के मामले में कुत्ते के लिए Notix और Bolfo, बिल्लियों के लिए Bharat International ब्रैंड का पाउडर अच्छा है।
मछली
- मछलियां फंगल इन्फेक्शन का शिकार हो सकती हैं।
- स्किन पर सफेद या काले रंग के धब्बे इन्फेक्शन की निशानी है।
- जब भी अक्वेरियम में नई मछलियां डालें तो उसमें ऐंटी-इच या ऐंटी-फंगल दवा जरूर डालें। यह दवा पेट शॉप पर 50-100 रुपये में मिल जाएगी।
- जब भी पानी बदलें तो उसमें 'जनरल एड' नाम की दवा डालें।
पक्षी पालना गैरकानूनी
कानून के मुताबिक किसी भी जंगली जानवर या चिड़िया को बंद रखने पर 3 साल तक की सजा हो सकती है।
कुत्ते-बिल्ली को ऐसी कंडिशन में न रखें, जिससे वह खुद को जख्मी कर ले, जैसे चेन में बांध कर कमरे में बंद कर देना या बंद करके घंटों के लिए बाहर चले जाना आदि। पालतू जानवर पर किया गया ऐसा बर्ताव भी अत्याचार की श्रेणी में आता है। अगर कोई पुलिस में शिकायत कर दे तो सजा भी हो सकती है।
डॉगी पालने के लिए म्युनिसिपल बॉडी रजिस्ट्रेशन करके लाइसेंस इशू करती हैं। अमूमन यह लाइसेंस 50-100 रुपये के भीतर इशू हो जाता है।
एक्सपर्ट पैनल
डॉ. चंचल भट्टाचार्य
सीनियर वेटनरी सर्जन,
दिल्ली सरकार
डॉ. अमित चौधरी
वेटनरी सर्जन,
ऐनिमल ऐक्टिविस्ट
संजीव कुमार
पेट्स ग्रूमर,
स्कूबी स्क्रब
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